मेरे पड़ोस में रहने वाली औरत हाल ही में माँ बनी थी. जब वो सुबह सुबह अपने घर के पिछवाड़े में खुले में नहाने लगती तब मुझे उसके दूध से भरे बड़े बड़े बूब्स देखने को मिलते. उन्हें देखकर मेरे मुंह में पानी भर आता. वो साबुन लगाकर उन्हें नहलाती. जांघों को साबुन मलते वक़्त उसकी पेटीकोट उपर उठाती मुझे उसकी चूत दिखाई देती. फिर वो तसल्ली से अपनी चूत को साबुन लगाकर धुलती. फिर वो पेटीकोट भी उतारती और नंगी खड़ी होकर नहाती. नहाने के बाद उसके सांवले बदन पर पानी की बुँदे मोतियों के समान चमक उठती. देहाती औरतों को ऐसे खुले में नहाते देखने में एक अलग ही मजा मिलता है.
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