कोरोना के पहले ये सब नहीं था, भैया भाभी अपनी लाइफ में बड़े खुश थे. लोकडाउन हुआ तो बाकी वर्कर की तरह ही भैया की भी छुट्टी हो गई. बच्चो की फ़ीस, खाना पीना और कपडे, कहाँ से खर्चा चलता. उन दिनों भाभी को भाई के ख़ास दोस्त सुधीर भैया ने अपनी रंडी बना लिया.दोस्ती के नाम पर कलंक ही सही सुधीर ने भाभी की जवानी को लंड से खूब भोग लिया. भाभी कभी दो हजार तो कभी ४ हजार लेने के लिए उसके पास जाती हैं और अपनी इज्जत बिस्तर के ऊपर घिसवा के वापस आती हैं.
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